संचार क्रांति: सिद्धार्थनगर। प्रसिद्ध हकीम अजमल खान के जन्म दिवस पर पूरे भारत में मनाए जाने वाले विश्व यूनानी दिवस को जनपद में भी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने और अधिक प्रयोग करने पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. विजय बहादुर ने कहा कि मौजूदा दौर में सरकार भी आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और ये लंबे समय तक उपयोग की जा सकती हैं। उन्होंने जनपद के आयुष चिकित्सकों से आयुर्वेद और यूनानी दवाओं के अधिकतम प्रयोग की अपील की।
आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा की बढ़ती लोकप्रियता
कार्यक्रम में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसएन मिश्र ने कहा कि आज आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने बताया कि हकीम अजमल खान ने आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा को समान रूप से बढ़ावा दिया, जिससे इन पद्धतियों को नई पहचान मिली।
संगठन के जिलाध्यक्ष डॉ. केपी पांडेय ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा प्राचीन काल से कारगर रही है और वर्तमान समय में भी इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है। उन्होंने बताया कि हकीम अजमल खान ने जीवनभर आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा की सेवा की और 20 दिसंबर 1927 तक इन पद्धतियों के प्रचार-प्रसार में जुटे रहे।
वरिष्ठ चिकित्सकों का सम्मान
कार्यक्रम के अंत में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. विजय बहादुर के साथ जनपद के वरिष्ठ चिकित्सकों को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में डुमरियागंज के डॉ. वजाहत हुसैन, डॉ. नसीरुद्दीन, डॉ. मजहरूद्दीन और डॉ. अब्दुस्सलाम हाशमी शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. जावेद कमाल ने किया। इस अवसर पर डॉ. अहमद हुसैन, डॉ. अरुण द्विवेदी, डॉ. रफीउद्दीन, डॉ. आरएन जयसवाल, डॉ. कमलेश मिश्रा, डॉ. मसूद अख्तर सहित जनपद के कई चिकित्सक उपस्थित रहे।