गोल्हौरा (सिद्धार्थनगर)। ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों की समस्याओं और उनकी सुरक्षा को लेकर ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन (ग्रापए) ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। संगठन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव ने किया।
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन का कहना है कि सुदूर अंचलों में कार्यरत पत्रकार शासन की नीतियों एवं विकास योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने के साथ-साथ उनकी समस्याओं को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का कार्य कठिन परिस्थितियों में भी कर रहे हैं। ऐसे में पत्रकारों की सुरक्षा एवं उनके हितों को लेकर ठोस कदम उठाना जरूरी है।
संगठन की प्रमुख मांगें
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन को प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में अन्य संगठनों की तरह कार्यालय हेतु भवन आवंटित किया जाए।
ग्रामीण पत्रकारों को भी मान्यता प्राप्त पत्रकारों की भांति आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिले।
ग्रामीण पत्रकारों को बीमा योजना में शामिल किया जाए तथा 60 वर्ष से अधिक उम्र के पत्रकारों को पेंशन सुविधा प्रदान की जाए।
पत्रकारों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने से पूर्व राजपत्रित अधिकारी से जांच कराना अनिवार्य किया जाए।
तहसील स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों और ग्रामीण पत्रकारों की नियमित बैठकें हों।
दुर्घटना या आपदा में मृत पत्रकार के परिजनों को किसान बीमा की तरह पाँच लाख तथा मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख की सहायता दी जाए।
फर्जी पत्रकारों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
संगठन का कहना है कि यदि मांगों पर शासन स्तर से उचित कार्रवाई होती है, तो ग्रामीण पत्रकार और अधिक निर्भीक होकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकेंगे।
ज्ञापन देने के दौरान तहसील अध्यक्ष बांसी षष्टभुजा शुक्ल ‘गुडडू बाबा’, तहसील अध्यक्ष डुमरियागंज राजेश पाण्डेय, संरक्षक संजय त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष गिरजेश धर द्विवेदी, जिला महामंत्री प्रशांत मिश्र, उपाध्यक्ष अजय पाण्डेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रिंकू उपाध्याय, संप्रेक्षक उमाकांत त्रिपाठी, उपाध्यक्ष राकेश त्रिपाठी गवार, संगठन मंत्री पिंकू त्रिपाठी, महामंत्री उदयभान पाठक सहित मनीष शुक्ल, शोहराब अली, कौशल किशोर शुक्ल, रेखा वरूण, अभिषेक तिवारी, पंकज श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
