- संगठन के जिलाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव के नेतृत्व में करीब दो दर्जन पत्रकारों ने डीएम को ज्ञापन सौंप कर मुआवजे व कठोर कार्रवाई की उठाई मांग
- छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर आक्रोशित पत्रकारों ने पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की उठाई आवाज
संचार क्रांति: सिद्धार्थनगर-छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर आक्रोशित पत्रकारों ने सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवाज उठाई है।ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव के नेतृत्व में करीब दो दर्जन पत्रकारों ने डीएम को ज्ञापन सौंप कर मुआवजे व कठोर कार्रवाई की मांग की है।
जिलाधिकारी को सौंपें ज्ञापन में पत्रकारों ने कहा है कि वह सभी ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन सिद्धार्थनगर के पदाधिकारी व सदस्य हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में हाल ही में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की घटना से अत्यंत दुखी और आहत हैं। यह घटना न केवल पत्रकारिता जगत बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरा सदमा है। मुकेश चंद्राकर की हत्या ऐसे समय हुई है, जब देश में प्रेस की स्वतंत्रता पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि पत्रकारों को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए जान का जोखिम उठाना पड़ रहा है। ग्रापए ने उक्त प्रकरण में शामिल दोषियों को सजा दिलाने की मांग दोहराई है। इस दौरान सद्दाम खान, राकेश यादव, फिरोज खान, परवेज अहमद, अमित गुप्ता, संतोष श्रीवास्तव, रामसेवक चौरसिया, तेज प्रताप त्रिपाठी, श्यामसुंदर तिवारी, प्रदीप वर्मा, असगर जमील रिजवी, राजेश पांडेय, विकास, विजय यादव, रहबर, रेखा वरुण, नीरज, विजय मिश्रा आदि मौजूद रहे ।

ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन, सिद्धार्थनगर मांग करता हैं कि…..
मुकेश चंद्राकर की हत्या के दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और परिजनों को एक करोड़ रूपये व परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान किया जाये।
उत्तर प्रदेश कप प प्रेस मान्यता नियमावली में संशोधन कर उसमें पत्रकारों की सुरक्षा के लिए उपबंध शामिल किया जाए
उत्तर प्रदेश में पत्रकार आयोग का गठन करके उसमें मान्यता प्राप्त सभी संगठनों को प्रतिनिधित्व दिया जाए
सरकार पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए।
सरकार प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो और पत्रकारों को बिना किसी डर के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने दे।
सरकार पत्रकारों के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाए ताकि वे बिना किसी डर के सच को सामने ला सकें।