संचार क्रांति- सिद्धार्थनगर जिले के त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के रमवापुर जगतराम गांव में एक दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को शोक में डाल दिया। 50 वर्षीय किसान महिनकू की मौत ने उनकी बेटी की शादी की तैयारियों को गमगीन माहौल में बदल दिया। बुधवार को महिनकू अपने खेत में पंपिंग सेट का इंजन चालू कर रहे थे, तभी गमछा इंजन में फंस गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गए। परिवार ने उन्हें तुरंत इलाज के लिए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, लेकिन शुक्रवार को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
महिनकू अपने पीछे पत्नी गुजराती, चार बेटे और चार बेटियां छोड़ गए हैं। मेहनत-मजदूरी और एक बीघे से कम जमीन के सहारे उन्होंने तीन बेटियों और दो बेटों की शादी की थी। अब वह अपनी सबसे छोटी बेटी ममता की शादी की तैयारी कर रहे थे, जो 14 मई 2025 को तय थी। लेकिन बारात आने से पहले ही उनके घर से अर्थी उठ गई।
महिनकू की मौत से उनकी पत्नी गुजराती बार-बार बेसुध हो रही हैं। बेटी की शादी को लेकर वह लगातार चिंता व्यक्त कर रही हैं और रोते हुए कह रही हैं कि अब बेटी के हाथ पीले कैसे होंगे। परिवार के बेटे उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं और वादा कर रहे हैं कि वे मेहनत-मजदूरी करके ममता की शादी धूमधाम से करेंगे। लेकिन खुद भी अपने आंसू रोकने में नाकाम हैं।
गांव में हर कोई महिनकू के इस आकस्मिक निधन से स्तब्ध है। ग्रामीणों का कहना है कि महिनकू ईमानदार और मेहनती व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने बच्चों की खुशियों के लिए अपनी सीमित संसाधनों में भी हर संभव प्रयास किया। उनकी अचानक मौत ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया है।
अब परिवार के लिए सबसे बड़ी चुनौती ममता की शादी को सम्पन्न करना है। रिश्तेदारों और गांववालों ने परिवार को भरोसा दिलाया है कि इस मुश्किल घड़ी में वे हर संभव मदद करेंगे। महिनकू की यादें उनके संघर्ष और मेहनत की गवाही देती हैं, और अब परिवार उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए संघर्षरत है।
महिनकू की इस दुखद मौत ने यह दिखा दिया कि जिंदगी कितनी अनिश्चित हो सकती है। उनका परिवार और गांव उनकी कमी को हमेशा महसूस करेंगे, लेकिन अब सबकी नजरें इस पर हैं कि कैसे परिवार इस त्रासदी को सहते हुए ममता की शादी को सफलतापूर्वक संपन्न कर पाता है।