संचार क्रांति:
➡ अपार आईडी निर्माण के कारण बोर्ड परीक्षा, प्रयोगात्मक परीक्षा और पाठ्यक्रम पूरा करने में आ रही कठिनाई
➡ तकनीकी समस्याओं के चलते अपार आईडी न बनने पर शिक्षकों का वेतन रोकना अनुचित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने राज्य सरकार से मांग की है कि बोर्ड परीक्षा समाप्त होने तक अपार आईडी (APAAR – Automated Permanent Academic Account Registry) निर्माण कार्य को स्थगित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के चलते बोर्ड परीक्षा की तैयारियों, प्रयोगात्मक परीक्षाओं और अधूरे पाठ्यक्रम को पूरा करने में बाधा आ रही है।
तकनीकी समस्याओं से शिक्षकों का वेतन रोका जा रहा
श्री द्विवेदी ने बताया कि तकनीकी दिक्कतों के कारण कई विद्यालयों में अपार आईडी निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। यू-डायस डेटा, आधार कार्ड और विद्यालय के एसआर रजिस्टर के रिकॉर्ड न मिलने की वजह से अपार आईडी जेनरेट नहीं हो पा रही। इसके चलते कई जनपदों में शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है, जिससे शिक्षकों में भारी आक्रोश है।
शिक्षकों पर वेतन रोकने और मान्यता समाप्त करने की धमकी
21 जनवरी 2025 को महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर अपार आईडी निर्माण को लेकर विस्तृत निर्देश दिए थे। इसके आधार पर जिला विद्यालय निरीक्षकों ने सभी विद्यालयों को अपार आईडी निर्माण के आदेश जारी कर दिए। लेकिन बोर्ड परीक्षा की तैयारियों के बीच इस कार्य को पूरा करना शिक्षकों के लिए मुश्किल हो रहा है।
श्री द्विवेदी ने बताया कि 01 फरवरी से प्रयोगात्मक परीक्षाएं और 23 फरवरी से बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। ऐसे में शिक्षक अपना अधूरा पाठ्यक्रम पूरा करने और परीक्षाओं की तैयारियों में व्यस्त हैं। लेकिन डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) लगातार प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को वेतन रोकने और मान्यता रद्द करने की धमकी दे रहे हैं।
शिक्षकों की मांग – बोर्ड परीक्षा के बाद हो अपार आईडी निर्माण
प्रदेश भर के शिक्षक संगठन इस बात पर सहमत हैं कि अपार आईडी निर्माण का कार्य बोर्ड परीक्षाओं के बाद कराया जाए। शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा की तैयारियों के बीच अपार आईडी निर्माण का दबाव डालना न केवल अनुचित है, बल्कि छात्रों की पढ़ाई पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
श्री द्विवेदी ने प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग से अपील की है कि बोर्ड परीक्षा समाप्त होने तक इस प्रक्रिया को रोका जाए ताकि शिक्षक परीक्षा कार्यों पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर सकें।