संचार क्रांति – संतकबीरनगर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा के आदेश के बावजूद जिला विद्यालय निरीक्षक पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित 29 शिक्षकों को जीपीएफ कोड नहीं एलाट कर रहे हैं। जिससे उन शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मामले की शिकायत संयुक्त शिक्षा निदेशक बस्ती से की गई है।
उन्होंने बताया कि अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेन्द्र कुमार तिवारी के आदेश दिनांक 7 फरवरी 2025 के द्वारा जनपद के सहायता प्राप्त विद्यालयों में तैनात 29 शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित करने का आदेश निर्गत किया गया है। ये वे शिक्षक हैं जिनका भर्ती विज्ञापन 1 अप्रैल 2005 के पहले जारी हुआ था किंतु नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 के बाद हुई थी। ऐसे में सरकार शिक्षक संगठन की मांग पर इन्हे पुरानी पेंशन योजना में सम्मिलित किया है।
निर्गत आदेश में हीरालाल रामनिवास इंटर कॉलेज खलीलाबाद के प्रवक्ता मनोज कुमार मिश्रा, अरुण कुमार ओझा, इंद्रेशधर दुबे, अभिषेक कुमार सिंह, ज्ञान प्रकाश राय,नरेंद्र नाथ पांडेय, प्रहलाद राय बालिका इंटर कॉलेज की प्रवक्ता अरुंधति, नेहरू कृषक इंटर कॉलेज के प्रवक्ता रविंद्र कुमार चौरसिया, रजनी वर्मा, संत कबीर आचार्य रामविलास इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राकेश कुमार सिंह, प्रवक्ता रामकुमार मौर्य, आदर्श इंटर कॉलेज सिहटीकर के प्रवक्ता धीरेन्द्र प्रताप सिंह को सम्मिलित किया गया है। इसी प्रकार जगद्गुरु शंकराचार्य इंटर कॉलेज मेहदावल के प्रवक्ता दिनेश कुमार चौहान, सतपाल मौर्य, सूर्य प्रकाश पांडेय, डीएवी इंटर कॉलेज मेहदावल के प्रवक्ता रवि प्रकाश सिंह, संजय कुमार अग्रहरी, राष्ट्रीय इंटर कॉलेज पारस नगर बेलहर के प्रवक्ता पिकुल भारद्वाज, लाल बहादुर शास्त्री इंटर कॉलेज टुंपार के सहायक अध्यापक राजीव कुमार, कृषक औद्योगिक पाल इंटर कॉलेज हरिहरपुर के प्रवक्ता भूपेंद्र कुमार, जय गोपाल, मुमताज अहमद, दिलीप कुमार, गोविन्द चंद, अनुचर रजवंत सिंह यादव, रामकृष्ण परमहंस इंटर कालेज के प्रवक्ता सतीश कुमार भारती, श्री सीताराम इंटर कॉलेज सिरसी के प्रवक्ता महेश राम, भरत सिंह को सम्मिलित किया गया है। अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक की ड्यूटी में मनमानी का आरोप
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने जिला विद्यालय निरीक्षक व परीक्षा पटल सहायक पर अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक की ड्यूटी लगाने में मनमानी का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि ड्यूटी लगाते समय शिक्षकों की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा गया है। उन्हें 30 से 40 किलो मीटर दूर के विद्यालयों में तैनाती दी गई है। जिन शिक्षकों ने अपनी कठिनाई बताई बात कर ड्यूटी काटने का अनुरोध किया है उनके भी नाम में संशोधन नहीं किया जा रहा है।