
गालापुर में चल रहा रुद्र महायज्ञ
डुमरियागंज । डुमरियागंज के गालापुर मंदिर प्रांगण में चल रहे रुद्र महायज्ञ में कल भगवान भोलेनाथ का वस्त्र आवास कराया गया। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विद्वानों ने भगवान भोलेनाथ का वस्त्रावास कराया ।जिसमें भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया,उसके पूर्व उनका फलवास कराया गया था।सुबह शाम वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जहां रुद्र महायज्ञ में पूजन अर्चन कराया गया है।वहीं साथ ही हवन का भी कार्यक्रम चल रहा है वस्त्रावास के समय हरेंद्र विक्रम सिंह ,संजीव कुमार सिंह, आनंद सिंह ,अमित सिंह, संजय कुमार उर्फ पप्पू सिंह, बब्बू सिंह, लल्लू सिंह, रिंकू सिंह शत्रुघ्न सोनी,बब्बू सिंह ,श्याम जी, किशन जी,मुरली सोनी ,सुग्रीव विश्वकर्मा ,राजमान यादव, सत्यनारायण यादव, महादेव ,राम तीरथ यादव ,राजू यादव ,कुमारे यादव ,रोहिणी, विक्की, गामा ,मोनू मौर्य ,सदानंद, विष्णु , सुनील, श्याम, विनोद मिश्रा स्थान के व्यवस्थापक ठाकुर प्रसाद मिश्रा सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
प्रवचन में भगवान के बाल लीलाओं का किया गया वर्णन
डुमरियागंज। गालापुर मंदिर प्रांगण में चल रहे रुद्र महायज्ञ में देर रात्रि अयोध्या से पधारे कथावॉचक बलराम दास शास्त्री ने भगवान श्री राम के बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम ने अपने बाल लीलाओं से सबको जहां मोहित किया वहीं गुरु वशिष्ट के आश्रम में शिक्षा भी ग्रहण किया। शैक्षिक काल के दौरान उन्होंने बहुत जल्दी शिक्षा ग्रहण कर लिया, उन्होंने कहा कि विश्वामित्र जी जब यज्ञ कर रहे थे तो राक्षस उन्हें काफी परेशान कर रहे थे।तब वे राजा दशरथ के पास आए तथा राम लक्ष्मण को लेकर अपने साथ ले गये जहां उनके द्वारा राक्षसों का वध किया गया। उसके बाद गुरु विश्वामित्र जी उन्हें सीता स्वयंवर के लिए लेकर आगे चले। तो रास्ते में एक पत्थर की शीला को देखकर उन्होंने उसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यह गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या है।तब भगवान राम ने अपने पैर से उस शीला का स्पर्श किया। जो तुरंत स्त्री बन गई तथा भगवान का गुणगान करते हुए अपने पति लोक चली गई। प्रवचन के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।