बांसी, सिद्धार्थनगर: तहसील बांसी क्षेत्र के विकासखंड मिठवल के बाजार डीह गांव की निवासी नीमा देवी पिछले एक साल से परिवार रजिस्टर में अपना और अपने तीन वर्षीय पुत्र का नाम दर्ज कराने के लिए भटक रही हैं। विकासखंड कार्यालय में उनकी बात नहीं सुनी जा रही, जिससे परेशान होकर उन्होंने जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर से न्याय की गुहार लगाई है।
नीमा देवी, जो स्वर्गीय राम विकास गौड़ की पत्नी हैं, ने डीएम को दिए अपने पत्र में बताया कि उनकी शादी 31 जुलाई 2020 को हुई थी। शादी के बाद 23 मार्च 2021 को उनके पुत्र दिव्यांश का जन्म हुआ। दुर्भाग्यवश, 20 फरवरी 2022 को उनके पति का निधन हो गया।
नीमा देवी ने यह भी बताया कि उनके पति की पहले भी शादी हुई थी, लेकिन उस रिश्ते से कोई संतान नहीं थी। गांव में पंचायत के निर्णय के बाद, उनके पति ने अपनी पहली पत्नी से संबंध विच्छेद कर लिया था, जो गांव छोड़कर कहीं और चली गई थीं। इस संबंध विच्छेद के गवाह गांव के लोग भी हैं।
नीमा देवी ने परिवार रजिस्टर में अपना और अपने पुत्र का नाम दर्ज कराने के लिए कई बार विकासखंड कार्यालय से संपर्क किया। लेकिन, उनकी बात को अनसुना किया गया और नाम दर्ज करने में टालमटोल की गई। इस मामले में उन्होंने सांसद जगदंबिका पाल से भी मदद मांगी। सांसद ने ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा, लेकिन अब तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया।
नीमा देवी ने ग्राम प्रधान और सचिव पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह पिछले एक साल से परेशान हैं। उन्होंने जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने और न्याय दिलाने की अपील की है।
यह मामला न केवल एक महिला की प्रशासनिक उपेक्षा को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह जरूरतमंद लोग अपनी बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब देखना होगा कि जिलाधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।