Tuesday, September 23, 2025
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प्रदेश की मण्डिया किसानों को उपज का दिला रही हैं सही मूल्य




संचार क्रांति – सिद्धार्थ नगर । किसानों को उनकी उपज का वाज़िम मूल्य दिलाने के लिए राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद द्वारा प्रत्येक जिले में मण्डी समितियों की स्थापना की है। प्रदेश में 251 से अधिक मण्डी समितिया विनियमित है जिनमें 220 मण्डी क्षेत्र में मण्डी स्थल निर्मित हैं। इन मण्डी समितियों में लाइसेन्स प्राप्त व्यापारी ही मण्डी समिती में निर्दिष्ट कृषि उत्पादों का क्रय-विक्रय  करने हेतु अधिकृत होते है। किसान अपने उत्पाद को वाज़िब मूल्य मिलने पर किसी भी व्यक्ति को बेच सकता है। मण्डी स्थल पर जब किसान अपना उत्पाद लेकर आता है तो प्रवेश द्वार पर उसे निर्धारित प्रारूप पर प्रवेश पर्ची दी जाती है। जिसमें किसा का नाम पता, वाहन का विवरण कृषि उत्पाद आदि सूचनाएं अंकित की जाती है। जिस कृषि उत्पाद का जो मूल्य केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है उससे कम मूल्य पर उस उत्पाद का क्रय नहीं किया जाता है। निर्धारित मूल्य/निर्धारित मूल्य से अधिक पर किसान से क्रय किया जाता  है। इसे किसान को अपने उत्पाद का सही मूल्य मिल जाता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए अनेक हितकारी कदम उठाएं हैं। प्रदेश सरकार में मण्डियों का आधुनिकीकरण किया गया है। प्रदेश में मुख्यमंत्री कृषक कल्याणकारी योजना के अन्तर्गत मण्डी परिषद द्वारा 79796 कृषकों को रू134.76 करोड़ का अनुदान दिया है। प्रदेश में 27 नवीन मण्डी स्थलों का आधुनिकीकरण एवं 185 नग हाट-पैठ का निर्माण किया गया है। मण्डियों में किसानों हेतु प्री-अराइवल ई-पास लागू किया गया है तथा 1 मंडी व्यापारियों को डिजिटल पेमेन्ट की सुविधा दी गयी है। प्रदेश के कृषकों को उपज का उचित मूल्य दिलाने हेतु प्रदेश की 125 मण्डियों में जनवरी, 2025 तक लगभग 06 हजार 99 करोड का डिजिटल व्यापार किया गया है। ई-मण्डी योजना के अंतर्गत इस अवधि में 06 हजार 922 ई-लाइसेंस निर्गत किये गये हैं और ई-मण्डियों में 04 करोड़ 18 लाख से अधिक ऑनलाइन पर्चियां निर्गत की गयी है।
प्रदेश के किसानों के कल्याणार्थ संचालित योजनाओं के माध्यम से उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है। मण्डी समितियों के माध्यम से कृषकों एवं व्यापारियों/आद्धतियों हेतु संचालित योजनाओं के तहत 2019-20 से वर्तमान तक 48 हजार 210 कृषक लाभार्थियों को लगभग 98 करोड़ 50 लाख के अनुदान की धनराशि वितरित की जा चुकी है। प्रत्येक कृषि मण्डी में माता शबरी के नाम पर कैण्टीन और विश्रामालय स्थापित किया जा रहा हैं। कैण्टीन में सब्सिडाइज्ड दरों पर किसानों को भोजन उपलब्ध कराया जाता हैं। प्रदेश के 08 जनपदों में किसानों की उपज का उचित मूल्य दिलाने की प्रक्रिया को और सरल बनाने हेतु 08 नयी मण्डिया/उपमण्डिया तथा लखनऊ में 49 करोड़ की लागत से किसान एग्रीमॉल का निर्माण पूर्ण होने की स्थिति में हैं।

किसानों की उपज को सही पैकिंग के लिए प्रदेश के अमरोहा, वाराणसी एवं सहजनवा में इंटीग्रेटेड पैक हाउस का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रदेश में 88 ग्रामीण हाट बाजार भी पूर्ण कर लिये गये हैं। कृषकों के हित के लिए एंड्रायड मोबाइल एप यूपी मण्डी भाव का शुभारम्भ किया गया है, जिसमें कृषि बाजारों के बाजार भाव एवं मौसम की जानकारी प्रतिदिन निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना के अंतर्गत पूर्व प्रधानमंत्री स्व० चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस को श्किसान सम्मान दिवसश् के रूप में मनाते हुए किसानों को ट्रैक्टरों का वितरण कराया गया। कृषकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से वर्ष 2017-18 के पूर्व यू०पी० डास्प में केवल 01 योजना संचालित थी जो बढ़ाकर वर्तमान में 05 नयी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। फार्मर रजिस्ट्रेशन केरते हुए वर्ष 2024-25 में माह दिसम्बर, 2024 तक कुल 60.48 लाख फार्मर कार्ड प्क् निर्गत की गयी है।
प्रदेश में किसानों की फसलों को वर्षा के पानी/नदियों के बाढ़ से बचाने के लिए ’बाढ़ सुरक्षा हेतु अब तक कुल 1551 बाढ़ परियोजनाएं पूर्ण करते हुए 32.87 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि का बचाव करते हुए करोड़ों की आबादी को लाभान्वित किया गया। महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सीडलिंग का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे लगभग 60 हजार महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। प्रदेश सरकार ने लखनऊ में रू0 251 करोड़ की लागत से भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी के नाम पर एक सीड पार्क की स्थापना का निर्णय लिया है।

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