संचार क्रांति – सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के दिशा-निर्देश तथा जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिद्धार्थनगर के आदेश के क्रम में मंगलवार को धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से होने वाले गंभीर दुष्प्रभावों और इससे जुड़े कानूनी प्रावधानों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन अचल प्रशिक्षण केन्द्र, प्रांगण मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सिद्घार्थनगर में किया गया।
शिविर में वक्तागणों द्वारा द्वारा उपस्थित जनमानस व आशाबहुओं को बताया गया कि धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से होने वाले गंभीर दुष्प्रभावों और इससे जुड़े कानूनी प्रावधानों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है। उत्तर प्रदेश में तंबाकू सेवन एक गंभीर समस्या बन चुका है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग तंबाकू सेवन के कारण कैंसर, हृदय रोग और श्वसन तंत्र की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। धूम्रपान और तंबाकू चबाने से शरीर पर अत्यधिक घातक प्रभाव पड़ते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों को जन्म देते हैं। यह न केवल कैंसर का मुख्य कारण है, बल्कि उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक और सांस संबंधी बीमारियों को भी बढ़ावा देता है। लंबे समय तक तंबाकू सेवन करने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे वह अन्य संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकता है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं के लिए तंबाकू अत्यंत हानिकारक होता है, जिससे शिशु के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने तंबाकू नियंत्रण के लिए कई सख्त कानून लागू किए हैं। जैसे- उत्तर प्रदेश पुलिस अधिनियम, 1861, उत्तर प्रदेश सार्वजनिक स्थान धूम्रपान निषेध अधिनियम, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम COTPA, 2003 की धारा 4: सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध व उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक जुर्माना, धारा 5: तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध व उल्लंघन करने पर 1,000 रुपये तक का जुर्माना, धारा 6(A): 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचना निषिद्ध उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक का जुर्माना, धारा 6(B): शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक का जुर्माना तथा धारा 7: तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर स्वास्थ्य चेतावनी देना अनिवार्य उल्लंघन करने पर दो वर्ष तक की सजा या 5,000 रुपये तक का जुर्माना का प्राविधान है। साथ ही साथ भारतीय न्याय संहिता की धारा 270 और 280, धारा 125, धारा 271 और 272 पर विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी।
यदि किसी को किसी भी प्रकार की विधिक सहायता या जानकारी चाहिए तो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा संचालित टोल फ्री हेल्पलाईन नम्बर-15100 पर कॉल कर तत्काल सहायता व जानकारी प्राप्त कर सकते हैं या आगामी 8 मार्च को जनपद में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी बताया गया गया।
उक्त विशेष जागरूकता शिविर में डा० वी०एन० चतुर्वेदी नोडल अधिकारी कार्यक्रम, श्री मानबहादुर जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक, श्री अशोक कुमार एच०र्इ०आे० कार्यालय मुख्य चिकित्साधिकारी एवं आशासंगिनी प्रशिक्षक श्री नीरज सिंह व खरीदन प्रसाद तथा आशासंगिनी व आमजन उपस्थित रहे।