संचार क्रांति – सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के दिशा-निर्देश तथा जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिद्धार्थनगर के आदेश के क्रम में सोमवार को मनोज कुमार तिवारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार में निरूद्घ बंदियों के मध्य विधिक जागरूकता शिविर तथा मुख्य चिकित्साधिकारी के समन्वय से क्षयरोग (टीबी) की पहचान एवं उपचार के लिए एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर का मुख्य उद्देश्य कारागार में निरुद्ध बंदियों के बीच टीबी संक्रमण की पहचान करना और उनके समुचित उपचार की व्यवस्था करना है। टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो समय पर जांच और उपचार न मिलने पर गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं पैदा कर सकती है। इस शिविर के माध्यम से जेल में निरूद्घ 205 बंदियों की जांच की गयी, जिससे बीमारी की समय पर पहचान और रोकथाम सुनिश्चित की जा सके। साथ ही मंगलवार को शेष बंदियों की जांच की जायेगी। इस दौरान हैंड-होल्ड एक्स-रे मशीन से स्क्रीनिंग, स्वास्थ्य जागरूकता अंतर्गत शिविर के दौरान बंदियों को क्षयरोग के लक्षण, बचाव के उपाय और उपचार प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया गया। स्वास्थ्य शिविर में संभावित टीबी रोगियों की न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट (NAAT) मशीन के माध्यम से जांच कराई जाये। यह मशीन टीबी संक्रमण की त्वरित और सटीक पहचान करने में सहायक होती है, जिससे मरीजों को शीघ्र उपचार मिल सके। साथ ही साथ उक्त बंदियाें की एचआईवी जांच भी की गयी तथा बचाव के उपाय और उपचार प्रक्रिया के बारे में चिकित्सकों द्वारा जागरूक किया गया।
उक्त विशेष जागरूकता शिविर में अधीक्षक जिला कारागार सचिन वर्मा, कारापाल रामसिंह यादव, उपकारापाल मुकेश प्रकाश, उपकारापार अजीत कुमार, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक-डीटीसी फिरोज अहमद, टीबीएचवी शम्स परवेज, परामर्शदाता- आईसीटीसी आशीष कुमार, एलटी- आईसीटीसी आशुतोष कुमार पाण्डेय एवं एक्स-रे तकनीशियन राहुल पाण्डेय तथा जिला कारागार के कर्मचारीगण तथा बंदीगण उपस्थित रहे।