

गोल्हौरा: सरकार ने एक तरफ जहां प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में बारात न ठहराने को लेकर सख्त आदेश जारी किया है तो बांसी शिक्षा क्षेत्र के अधिकारी व प्रधानाध्यापक को इस बात का जरा भी भय नहीं है मामला सोमवार का है जहां को बांसी विकास खंड व शिक्षा क्षेत्र अंतर्गत गोल्हौरा स्थित कंपोजिट अपर प्राइमरी स्कूल में एक गैर हिंदू समुदाय के बारात का आयोजन विद्यालय प्रांगण में किया गया इतना ही नहीं बारात ठहराव के साथ साथ विद्यालय में मांसाहारी भोजन का आयोजन भी किया गया। मांसाहार भोजन करने के उपरांत हड्डियों को विद्यालय प्रांगण में इधर उधर फेक दिया गया। अब सवाल ये खड़ा होता है क्या शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाला स्थान स्कूल अब बारात खाना बन गया है ? विद्यालय में इस आयोजन को लेकर क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त है ?
इस प्रकरण में जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक से बात हुई तो उन्होंने कहां हमे इसकी जानकारी नहीं है,
प्रधानाध्यापक के इस गैर जिम्मेदाराना बयान से शिक्षा विभाग में बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं, जब गेट बंद रहा तो अंदर बारात कैसे ठहरी ? और अगर प्रधानाध्यापक ने गेट की चाभी नहीं दी तो गेट खुला कैसे , और परिसर के अंदर इतने बड़े वैवाहिक कार्यक्रम का आयोजन कैसे हुआ? और जब प्रधानाध्यापक को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इस पर कौन सी कार्यवाही करवाई?
जबकि विद्यालय के प्रधानाध्यापक का निवास भी विद्यालय से लगभग 4 किमी की दूरी पर है,
उक्त प्रकरण में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी सिद्धार्थनगर का कहना है कि बीईओ बांसी से मै पूछकर बताता हूं स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जाएगा संतुष्ट जवाब न दे पाने पर कार्यवाही की जाएगी