गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती अवसर पर हुआ कार्यक्रम
संचार क्रांति न्यूज बांसी (सिद्धार्थनगर)। स्थानीय नगर के शीतलगंज स्थित श्री ठाकुर राम जानकी मंदिर पर बृहस्पतिवार को गोस्वामी तुलसीदास जयंती के अवसर पर विराट कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय रचनाकारों के अलावा गैर जनपद के कवियों ने काव्य पाठ कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष बरिष्ठ कवि डा. ज्ञानेंद्र द्विवेदी (दीपक) ने अपनी रचना सुनाया कि तल्ख हवाओं की नजरों में गुलशन का अरमान कहां है, हंसना फूलों की आदत है मौसम का अहसान कहां है। नाम तेरा नीलाम हो रहा, राजनीति के चौराहों पर। मेरे राम बता वह तेरा आज सरासन बान कहां है। जिसे सुनकर लोग भाव विभोर हो गए। संचालन कर रहे कवि सुशील श्रीवास्तव (सागर) ने मां वीणापाणि की वंदना के पश्चात कहा कि वो नहीं अपना हुआ तो क्या ज़माना छोड़ दें। मौत के डर से भला क्या मुस्कुराना छोड़ दें। आंधियों की ज़द में जो उनका घरौंदा ढह गया। गुलसितां में क्या परिंदे चहचहाना छोड़ दें। पर उन्हें खूब वाहवाही मिली। बतौर मुख्य अतिथि पूर्व सांसद डा. चन्दशेखर त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में कहा कि तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में हर पहलू पर लिख दिया है। उन्होंने कवियों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए। कवि ब्रम्ह देव शास्त्री (पंकज), राकेश त्रिपाठी (गंवार), किशन जी वर्मा (किशन), रत्नेश चतुर्वेदी (रत्न), पं0 श्याम नरायन पाण्डेय (संतकबीरनगर), कृष्ण कुमार त्रिपाठी (कृष्ण), गंगेश मिश्र (अनुरागी), शिवसागर सहर (महराजगंज), कुंज बिहारी (कुंज), ऋषि कबीर (मनहर), आदि ने भी काव्य पाठ कर कार्यक्रम को सफल बनाया। मंदिर के महन्थ हनुमान दास नागा ने सभी कवियों और अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया। उक्त अवसर पर सुरेंद्र श्रीवास्तव, मोहित श्रीवास्तव, हरवेंद्र त्रिपाठी, बलराम पाण्डेय, दिवाकर त्रिपाठी आदि समेत काफी लोग मौजूद रहे।